इस्लाम के पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया कि एक व्यक्ति दूसरे के लिए वही इच्छा करे जो वह अपने लिए करता है। निस्संदेह हर व्यक्ति अपने लिए शांति और प्रसन्नता का इच्छुक है। आप सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम ने यह भी आदेश दिया है कि हमें दूसरों के लिए वही पसंद करना चाहिए जो हम अपने लिए पसंद करते हैं।
पवित्र रमज़ान के बाबरकत महीने में एक महीने के रोज़े रखने के बाद पूरी दुनिया के मुसलमान ईद-उल-फ़ित्र मनाते हैं। रमज़ान का महीना शांति, उपकार, धीरज और पारस्परिक सहिष्णुता का प्रतीक है। ईद के दिन प्रत्येक मुसलमान यह वादा करता है कि वह रमज़ान द्वारा सिखाए गए नेक कार्य को जारी रखेगा। अतः ईद का दिन जश्न और ख़ुशी का दिन है।
इस्लामी रिवायतों के अनुसार अहमदिया मुस्लिम जमाअत संपूर्ण हिंदुस्तान में “ईद मिलन” का आयोजन करती है जिस में जमाअत अपने पड़ोसियों, मित्रों, शुभ चिंतकों और समस्त निकटवर्तियों को निमन्त्रण देती है क्योंकि आंहज़रत सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम ने यह भी उपदेश दिया है कि अल्लाह तआला का धन्यवाद करने से पहले लोगों का धन्यवादी होना आवश्यक है। अतः ईद के अवसर पर अहमदिया मुस्लिम जमाअत अपने समस्त मित्रों को निमन्त्रण देती है कि वे इस प्रसन्नता और जश्न के अवसर पर हमारे साथ सम्मिलित हों।
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