इस्लामिक शिक्षा

हम और हमारी पहचान

नमाज़ का क़ियाम, नमाज़ की बरवक़्त अदायगी हमारी शनाख़्त है जिसे अल्लाह तआला ने क़ुरआन-ए-करीम में और फिर हज़रत-ए-अक़दस मुहम्मद रसूल अल्लाह स. और ख़ुदा के पाक मसीह ने हमारे लिए मुक़र्रर कर दी है।

निकट सम्बन्धियों का सहारा हमारा प्रिय नबी सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम

वह मनुष्य जिसने अपने व्यक्तित्व से, अपने गुणों से और अपने कार्यों से सम्पूर्णता का उदाहरण दिखाया और सम्पूर्ण मानव कहलाया वह मुबारक नबी हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) हैं।

इस्लाम में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के विषय में इस्लाम की प्रस्तुत की हुई शिक्षा अत्यधिक उत्तम और हर बुराई से पवित्र और हर अच्छाई से परिपूर्ण है। और इस्लाम की वर्णित सीमाएँ अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता की खूबी को निखारने वाली और उसकी सुन्दरता को दोबाला करने वाली हैं।

श्री कृष्ण जी महाराज हिन्द के अवतार: इस्लामी शिक्षा के दर्पण में

राजा श्री कृष्ण जी महाराज वास्तव में एक ऐसे पूर्ण व्यक्ति थे जिनका उदाहरण हिंदुओं के किसी ऋषि और अवतार में नहीं पाया जाता। वह अपने समय केअवतार अर्थात नबी थे जिन पर ख़ुदा की ओर से रूहुल क़ुदुस (पवित्र  आत्मा) उतरती थी। वह ख़ुदा की ओर से विजय प्राप्त और भाग्यशाली थे।

शहादत हज़रत इमाम हुसैन

हर साल मुहर्रम महीने के पहले दस दिन दुनिया भर के मुसलमान इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में दुःख प्रकट करते है। 1400 साल पहले गुज़री इस घटना में जान देने वालों में अक्सर मुहम्मद (स अ व) के रिश्तेदार थे।

विरोध करने वालों के साथ हज़रत मुहम्मद (स. अ. व.) का सद व्यवहार

अतः जब मक्का वालों के मुख से इस बात की पुष्टि हो गई कि रसूले करीम स.अ.व यूसुफ़ के प्रारूप थे तथा यूसुफ़ के समान अल्लाह तआला ने उन्हें अपने भाइयों पर विजय प्रदान की थी उसके बाद नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जो फैसला सुनाया उसका उदाहरण न इतिहास प्रस्तुत कर सकता है न वर्तमान और भविष्य भी ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करने में सदैव अस्मर्थ रहेगा।

इस्लाम और देश प्रेम

स्वाधीनता दिवस के अवसर पर समस्त देशवासियों का हार्दिक अभिनंदन। आज से तकरीबन 74 साल पहले जिन स्वाधीनता संग्रामीओं ने हमारे देश को आज़ादी दिलाई थी उनको हज़ारों सलाम।

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बहुविवाह – प्रथम भाग

नबी करीम स.अ.व के विवाहों की  बुद्धिमत्ता (हिकमत) प्राच्यवादियों की कुछ आपत्तियों तथा उनके उत्तर JULY 31, 2021 लेख का स्रोत हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बहुत से विवाह राष्ट्रीय व राजनैतिक कारणों से हुए क्योंकि आप स. अ. व. चाहते थे कि अपने विशेष सहाबियों को विवाह के

अहमदिय्या मुस्लिम जमाअत के संस्थापक हज़रत मिर्ज़ा ग़ुलाम अहमद क़ादियानी अलैहिस्सलाम और मानवता की सेवा

शाह हारुन सैफी JUNE 15, 2021 शब्द “इन्सान” अरबी शब्द “उन्स” का द्विवचन है जिसका अर्थ है “दो मुहब्बतें”। अर्थात जब किसी व्यक्ति में दो मुहब्बतें एक अल्लाह की मुहब्बत और दूसरी उसकी सृष्टि की मुहब्बत इकट्ठी हो जाती है तब वह व्यक्ति वास्तव में इन्सान कहलाता है। इन्सान की

संस्थापक अहमदिय्या मुस्लिम जमाअत के हिन्दू भाइयों के साथ अच्छे सम्बन्ध

नियाज़ अहमद नाइक MAY 30, 2021 प्रिय पाठको ! हज़रत मिर्ज़ा ग़ुलाम अहमद क़ादियानी अलैहिस्सलाम, क़ादियान की बस्ती में पैदा हुए जो विभिन्न धर्मों का आश्रयगृह है। यह बस्ती एक सुन्दर वाटिका की भाँति है जिसमें भिन्न-भिन्न प्रकार के फूल खिल रहे हैं। विभिन्न प्रकार के ये फूल इस वाटिका