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विरोध करने वालों के साथ हज़रत मुहम्मद (स. अ. व.) का सद व्यवहार

अतः जब मक्का वालों के मुख से इस बात की पुष्टि हो गई कि रसूले करीम स.अ.व यूसुफ़ के प्रारूप थे तथा यूसुफ़ के समान अल्लाह तआला ने उन्हें अपने भाइयों पर विजय प्रदान की थी उसके बाद नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जो फैसला सुनाया उसका उदाहरण न इतिहास प्रस्तुत कर सकता है न वर्तमान और भविष्य भी ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करने में सदैव अस्मर्थ रहेगा।