लेख
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पादरी सैमुएल मारिनस ज़्वेमर का क़ादियान में आगमन और इमाम जमाअत अहमदिय्या के साथ मुलाक़ात
“अहमदिय्यत एक [बौद्धिक] आयुध सामग्री कारखाना है जो असंभव को संभव बनाने के लिए तैय्यार किया गया है और एक शक्तिशाली मत है जो पहाड़ों को अपने स्थान से हिला देता है ”– पादरी सैमुएल मारिनस ज़्वेमर
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श्री कृष्ण जी महाराज हिन्द के अवतार: इस्लामी शिक्षा के दर्पण में
राजा श्री कृष्ण जी महाराज वास्तव में एक ऐसे पूर्ण व्यक्ति थे जिनका उदाहरण हिंदुओं के किसी ऋषि और अवतार में नहीं पाया जाता। वह अपने समय केअवतार अर्थात नबी थे जिन पर ख़ुदा की ओर से रूहुल क़ुदुस (पवित्र आत्मा) उतरती थी। वह ख़ुदा की ओर से विजय प्राप्त और भाग्यशाली थे।
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महिलाओं को गुलामी से मुक्त कराने वाला नबी (सलल्लाहो अलैहे वसल्लम)
पश्चिमी दुनिया नारी स्वतंत्रता की अग्रदूत मानी जाती है। परन्तु क्या इतिहास में कोई ऐसी महान विभूति भी गुज़री है जिसने महिलाओं को उनके अधिकार इस प्रकार दिलाए हों कि वह आज भी सभ्य से सभ्य क़ौम तथा राष्ट्र के लिए मार्गदर्शक हैं?
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शहादत हज़रत इमाम हुसैन
हर साल मुहर्रम महीने के पहले दस दिन दुनिया भर के मुसलमान इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में दुःख प्रकट करते है। 1400 साल पहले गुज़री इस घटना में जान देने वालों में अक्सर मुहम्मद (स अ व) के रिश्तेदार थे।
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विरोध करने वालों के साथ हज़रत मुहम्मद (स. अ. व.) का सद व्यवहार
अतः जब मक्का वालों के मुख से इस बात की पुष्टि हो गई कि रसूले करीम स.अ.व यूसुफ़ के प्रारूप थे तथा यूसुफ़ के समान अल्लाह तआला ने उन्हें अपने भाइयों पर विजय प्रदान की थी उसके बाद नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जो फैसला सुनाया उसका उदाहरण न इतिहास प्रस्तुत कर सकता है न वर्तमान और भविष्य भी ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करने में सदैव अस्मर्थ रहेगा।
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इस्लाम और देश प्रेम
स्वाधीनता दिवस के अवसर पर समस्त देशवासियों का हार्दिक अभिनंदन। आज से तकरीबन 74 साल पहले जिन स्वाधीनता संग्रामीओं ने हमारे देश को आज़ादी दिलाई थी उनको हज़ारों सलाम।
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बहुविवाह – प्रथम भाग
नबी करीम स.अ.व के विवाहों की बुद्धिमत्ता (हिकमत) प्राच्यवादियों की कुछ आपत्तियों तथा उनके उत्तर JULY 31, 2021 लेख का स्रोत हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बहुत से विवाह राष्ट्रीय व राजनैतिक कारणों से हुए क्योंकि आप स. अ. व. चाहते थे कि अपने विशेष सहाबियों को विवाह के
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हज़रत मुहम्मद स.अ.व शांति और सुरक्षा के पैगंबर के रूप में
सैयद एहसान अहमद – मुरब्बी अल-फज़ल इंटरनेशनल, लंदन JULY 08, 2021 وَمَآ اَرْسَلْنٰکَ اِلَّا رَحْمَۃً لِّلْعٰلَمِیْنَ हमारे आक़ा व मौला, रसूलों के सरदार हज़रत अक़दस मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम को सर्वशक्तिमान खुदा ने दुनिया के लिए साक्षात दया स्वरूप बना कर भेजा था। आप स.अ.व. की दया का
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हज़रत मुहम्मद स० अ० व० के कथन और इस युग का विज्ञान
मुहम्मद लुक़्मान मजोका – ज्र्मनी JUNE 17, 2021 लेख का स्रोत महामारी से बचाव, कलौंजी, दोपहर का आराम, नींद की कमी, मरीज़ों का हालचाल पूछना तथा अजवा खजूर के बारे में हज़रत मुहम्मद स० अ० व० के मुबारक कथन, उन्नत वैज्ञानिक शोध की रौशनी में। अल्लाह तआला क़ुरआन करीम में आँहज़रत
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अहमदिय्या मुस्लिम जमाअत के संस्थापक हज़रत मिर्ज़ा ग़ुलाम अहमद क़ादियानी अलैहिस्सलाम और मानवता की सेवा
शाह हारुन सैफी JUNE 15, 2021 शब्द “इन्सान” अरबी शब्द “उन्स” का द्विवचन है जिसका अर्थ है “दो मुहब्बतें”। अर्थात जब किसी व्यक्ति में दो मुहब्बतें एक अल्लाह की मुहब्बत और दूसरी उसकी सृष्टि की मुहब्बत इकट्ठी हो जाती है तब वह व्यक्ति वास्तव में इन्सान कहलाता है। इन्सान की
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भारत का 76वां गणतंत्र दिवस
ख़ुदा और इस्लाम से सच्चा प्रेम अपने देश से प्रेम की मांग करता है — हज़रत मिर्ज़ा मसरूर अहमद अहमादिया मुस्लिम जमात भारत की और से तमाम देश वासियों को गणतंत्र दिवस की बधाइयां। 26 जनवरी का ऐतिहासिक दिन भारत की उन्नति की बुनियाद रखता है। आज से 76 साल
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ख़िलाफ़त ए अहमदिया: विश्व शांति के प्रयास में अग्रसर
आज के संघर्षपूर्ण और अशांत वातावरण में जहां हर कोई शांति की तलाश में है उन सभी के लिए अहमदिय्या ख़लीफा का उपदेश एक जीवन रेखा है।
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हम और हमारी पहचान
नमाज़ का क़ियाम, नमाज़ की बरवक़्त अदायगी हमारी शनाख़्त है जिसे अल्लाह तआला ने क़ुरआन-ए-करीम में और फिर हज़रत-ए-अक़दस मुहम्मद रसूल अल्लाह स. और ख़ुदा के पाक मसीह ने हमारे लिए मुक़र्रर कर दी है।
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अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने अपने राष्ट्रीय मुख्यालय क़ादियान में ईद मिलन का आयोजन किया
22 मई 2023 6 मई 2023 को, अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने अपने राष्ट्रीय मुख्यालय क़ादियान में ईद मिलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जमाअत अहमदिया भारत के मुख्य कार्यकारी निदेशक मौलाना मोहम्मद इनाम गौरी साहिब ने की। कार्यक्रम सामान्य रूप से शाम 6 बजे जमाअत-ए-अहमदिया के धार्मिक संस्थान
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अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने दिल्ली में ईद मिलन समारोह का आयोजन किया
16 मई 2023 29 अप्रैल 2023 को, अहमदिया मुस्लिम जमाअत दिल्ली ने कोन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में ईद मिलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता खुद्दामुल अहमदिया (अहमदिया युवा संगठन) के प्रमुख श्री के॰ तारिक अहमद साहिब ने की। कार्यक्रम का आरंभ राष्ट्रगान से हुआ, जिसके बाद अहमदिया मुस्लिम
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क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है (क़िस्त-3)
इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।
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क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है (क़िस्त-2)
इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।
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क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है
इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।
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इस्लामी पर्दे से अभिप्राय कैद नहीं
इस्लामी शिक्षा ऐसी पवित्र शिक्षा है जिसने मर्द और औरत को अलग अलग रखकर ठोकर से बचाया है और मानव का जीवन हराम और कड़वा नहीं किया जिससे यूरोप ने आए दिन के गृहयुद्ध और आत्महत्याएं देखीं।
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अनुशासन कुछ काम नहीं देता ख़िलाफ़त के बिना
खिलाफ़त इस्लाम की एकता को बनाए रखने का ईश्वरीय माध्यम है। यह एक ईश्वरीय व्यवस्था है जो मुसलमानों की आध्यात्मिकता को दृढ़ता प्रदान करता है।