लेख

संस्थापक अहमदिय्या मुस्लिम जमाअत के हिन्दू भाइयों के साथ अच्छे सम्बन्ध

नियाज़ अहमद नाइक MAY 30, 2021 प्रिय पाठको ! हज़रत मिर्ज़ा ग़ुलाम अहमद क़ादियानी अलैहिस्सलाम, क़ादियान की बस्ती में पैदा हुए जो विभिन्न धर्मों का आश्रयगृह है। यह बस्ती एक सुन्दर वाटिका की भाँति है जिसमें भिन्न-भिन्न प्रकार के फूल खिल रहे हैं। विभिन्न प्रकार के ये फूल इस वाटिका

ख़िलाफ़ते अहमदिया एक वरदान

अनसार अली ख़ान MAY 27, 2021 दोस्तों ! अल्लाह ताला पवित्र क़ुरआन में वर्णन करता है :- तुम में से जो लोग ईमान लाए और पुण्य कर्म किए हैं उनसे अल्लाह ने पक्का वादा किया है कि उन्हें अवश्य धरती में खलीफा बनाएगा । जैसा कि उसने उनसे पहले लोगों

रोज़मर्रा के मस्ले-मसाइल और उनका हल

प्राथमिक इस्लामिक मुद्दों के बारे में हज़रत अमीरुल मोमिनीन ख़लीफ़तुल मसीह पंचम (अ ब अ) के मार्गदर्शन जो विभिन्न अवसरों पर आपने लिखित पत्रों तथा M T A के प्रोग्रामों में दिए हैं सभी के लाभार्थ आधिकारिक रूप से प्रकाशित किये जा रहे हैं।

काफ़िर कौन

शाह हारून सैफी “काफ़िर” शब्द सुनते ही कुछ लोगो के ह्रदय में इस्लाम धर्म के बारे में विचित्र प्रकार की धारणाएँ आने लगती हैं। काफ़िर कौन है? क्या इस्लाम धर्म अपने प्रभुत्व के लिए काफ़िरों के साथ भेदभाव का आदेश देता है? क्या इस्लाम समस्त काफ़िरों का वध करने का

क़ादियान में विद्युत रेल इंजन का आगमन विकास की एक नई प्रगति

क़ादियान में 25 मार्च को पहली बार बिजली का इंजन पहुंचा। बटाला से क़ादियान के मध्य बिजली लाइन के कार्य के पूर्ण होने के बाद इस रेल लाइन पर बिजली के इंजन का सफ़ल ट्रायल किया गया।

रमज़ान का महीना

अनसार अली ख़ान APRIL 20, 2021 रमज़ान को नेकियों अथवा पुण्यकर्मों का बसंत कहा गया है, इस महीने में एक मुसलमान अल्लाह की उपासना तथा अन्य पुण्यकर्म ज़्यादा करता है।और अपने ख़ुदा को संतुष्ट करने के लिए रात को उठ-उठ कर उपासना के साथ,पवित्र क़ुरआन की तिलावत करता है, ग़रीबों,यतीमों

हज़रत मसीह मौऊद अलैहिस्सलाम की सच्चाई पूर्व के बुज़ुर्गों की भविष्यवाणियों की रौशनी में

मामूनुर्रशीद तबरेज़ APRIL 10, 2021 संसार में जब भी कोई मौऊद नबी या रसूल आया है, उसके आने की ख़बरें ख़ुदा तआला उसके आने से पूर्व ही अपने नेक बंदों को दे देता है और यह ख़बरें ख़ुदा तआला के प्रिय ऋषि मुनि आने वाली नसलों के लिए भविष्यवाणियों के

अहमदिया मुस्लिम युवा संगठन

अनसार अली ख़ान APRIL 06, 2021 किसी भी राष्ट्र तथा जाति की उन्नति उसके युवाओं की उन्नति तथा उनकी प्रतीभा पर निर्भर करती है । युवा लोग हमारे राष्ट्र तथा जाति की प्रगति और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इन्ही युवाओं के प्रयासों से हमारे राष्ट्र के तेजी से

क़ुरआन का मुक़ाबला आज तक कोई नहीं कर सका

कोई व्यक्ति यदि एक कण का हज़ारवां भाग क़ुरआन करीम में से कुछ दोष निकाल सके या इसके मुक़ाबले में अपनी किसी पुस्तक की एक कणभर कोई ऐसी विशेषता सिद्ध कर सके जो क़ुरआनी शिक्षा के विपरीत हो और इससे उत्तम हो तो हम प्राण-दंड भी स्वीकार करने को तैयार

हम सब भारतीय हैं

अनसार अली ख़ान MARCH 21, 2021 बताऊँ तुम्हें क्या कि क्या चाहता हूँ,हूँ बन्दा मगर मैं ख़ुदा चाहता हूँ ,जो फ़िर से हरा करदे हर ख़ुश्क पौधा,चमन के लिए वो सबा चाहता हूँ । प्रिय पाठको ! हमारा प्यारा भारत वर्ष एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है , ऋषि-मुनि तथा अवतारों

भारत का 76वां गणतंत्र दिवस

ख़ुदा और इस्लाम से सच्चा प्रेम अपने देश से प्रेम की मांग करता है — हज़रत मिर्ज़ा मसरूर अहमद अहमादिया मुस्लिम जमात भारत की और से तमाम देश वासियों को गणतंत्र दिवस की बधाइयां। 26 जनवरी का ऐतिहासिक दिन भारत की उन्नति की बुनियाद रखता है। आज से 76 साल

हम और हमारी पहचान

नमाज़ का क़ियाम, नमाज़ की बरवक़्त अदायगी हमारी शनाख़्त है जिसे अल्लाह तआला ने क़ुरआन-ए-करीम में और फिर हज़रत-ए-अक़दस मुहम्मद रसूल अल्लाह स. और ख़ुदा के पाक मसीह ने हमारे लिए मुक़र्रर कर दी है।

अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने अपने राष्ट्रीय मुख्यालय क़ादियान में ईद मिलन का आयोजन किया

22 मई 2023 6 मई 2023 को, अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने अपने राष्ट्रीय मुख्यालय क़ादियान में ईद मिलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जमाअत अहमदिया भारत के मुख्य कार्यकारी निदेशक मौलाना मोहम्मद इनाम गौरी साहिब ने की। कार्यक्रम सामान्य रूप से शाम 6 बजे जमाअत-ए-अहमदिया के धार्मिक संस्थान

अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने दिल्ली में ईद मिलन समारोह का आयोजन किया

16 मई 2023 29 अप्रैल 2023 को, अहमदिया मुस्लिम जमाअत दिल्ली ने कोन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में ईद मिलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता खुद्दामुल अहमदिया (अहमदिया युवा संगठन) के प्रमुख श्री के॰ तारिक अहमद साहिब ने की। कार्यक्रम का आरंभ राष्ट्रगान से हुआ, जिसके बाद अहमदिया मुस्लिम

quran

क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है (क़िस्त-3)

इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।

quran

क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है (क़िस्त-2)

इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।

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क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है

इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।

इस्लामी पर्दे से अभिप्राय कैद नहीं

इस्लामी शिक्षा ऐसी पवित्र शिक्षा है जिसने मर्द और औरत को अलग अलग रखकर ठोकर से बचाया है और मानव का जीवन हराम और कड़वा नहीं किया जिससे यूरोप ने आए दिन के गृहयुद्ध और आत्महत्याएं देखीं।

अनुशासन कुछ काम नहीं देता ख़िलाफ़त के बिना

खिलाफ़त इस्लाम की एकता को बनाए रखने का ईश्वरीय माध्यम है। यह एक ईश्वरीय व्यवस्था है जो मुसलमानों की आध्यात्मिकता को दृढ़ता प्रदान करता है।