प्रत्येक मनुष्य का यह मौलिक अधिकार है कि वह जिस भी धर्म का पालन करना चाहे कर सकता है

जुलाई 26, 2023 प्रत्येक मनुष्य का यह मौलिक अधिकार है कि वह जिस भी धर्म का पालन करना चाहे कर सकता है और कोई भी संगठन या संस्था उसे इस मौलिक अधिकार से वंचित नहीं कर सकती। अहमदिया मुस्लिम समुदाय भारत, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (Ministry of Minority Affairs) का आगे पढ़े

अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने अपने राष्ट्रीय मुख्यालय क़ादियान में ईद मिलन का आयोजन किया

22 मई 2023 6 मई 2023 को, अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने अपने राष्ट्रीय मुख्यालय क़ादियान में ईद मिलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जमाअत अहमदिया भारत के मुख्य कार्यकारी निदेशक मौलाना मोहम्मद इनाम गौरी साहिब ने की। कार्यक्रम सामान्य रूप से शाम 6 बजे जमाअत-ए-अहमदिया के धार्मिक संस्थान आगे पढ़े

अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने दिल्ली में ईद मिलन समारोह का आयोजन किया

16 मई 2023 29 अप्रैल 2023 को, अहमदिया मुस्लिम जमाअत दिल्ली ने कोन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में ईद मिलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता खुद्दामुल अहमदिया (अहमदिया युवा संगठन) के प्रमुख श्री के॰ तारिक अहमद साहिब ने की। कार्यक्रम का आरंभ राष्ट्रगान से हुआ, जिसके बाद अहमदिया मुस्लिम आगे पढ़े

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क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है (क़िस्त-3)

इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।

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क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है (क़िस्त-2)

इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।

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क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है

इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।

हज़रत आयशा के साथ पैगंबर मुहम्मद के विवाह के बारे में अपमानजनक टिप्पणी निंदनीय है

इतिहास के अनुसार, हज़रत आयशा (र ज़) अपने निकाह के समय नौ वर्ष की थीं और विवाह के समय बारह से चौदह वर्ष की थीं।

इस्लामी पर्दे से अभिप्राय कैद नहीं

इस्लामी शिक्षा ऐसी पवित्र शिक्षा है जिसने मर्द और औरत को अलग अलग रखकर ठोकर से बचाया है और मानव का जीवन हराम और कड़वा नहीं किया जिससे यूरोप ने आए दिन के गृहयुद्ध और आत्महत्याएं देखीं।

अनुशासन कुछ काम नहीं देता ख़िलाफ़त के बिना

खिलाफ़त इस्लाम की एकता को बनाए रखने का ईश्वरीय माध्यम है। यह एक ईश्वरीय व्यवस्था है जो मुसलमानों की आध्यात्मिकता को दृढ़ता प्रदान करता है।

निकट सम्बन्धियों का सहारा हमारा प्रिय नबी सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम

वह मनुष्य जिसने अपने व्यक्तित्व से, अपने गुणों से और अपने कार्यों से सम्पूर्णता का उदाहरण दिखाया और सम्पूर्ण मानव कहलाया वह मुबारक नबी हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) हैं।