लेख

हम और हमारी पहचान

नमाज़ का क़ियाम, नमाज़ की बरवक़्त अदायगी हमारी शनाख़्त है जिसे अल्लाह तआला ने क़ुरआन-ए-करीम में और फिर हज़रत-ए-अक़दस मुहम्मद रसूल अल्लाह स. और ख़ुदा के पाक मसीह ने हमारे लिए मुक़र्रर कर दी है।

अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने अपने राष्ट्रीय मुख्यालय क़ादियान में ईद मिलन का आयोजन किया

22 मई 2023 6 मई 2023 को, अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने अपने राष्ट्रीय मुख्यालय क़ादियान में ईद मिलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जमाअत अहमदिया भारत के मुख्य कार्यकारी निदेशक मौलाना मोहम्मद इनाम गौरी साहिब ने की। कार्यक्रम सामान्य रूप से शाम 6 बजे जमाअत-ए-अहमदिया के धार्मिक संस्थान

अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने दिल्ली में ईद मिलन समारोह का आयोजन किया

16 मई 2023 29 अप्रैल 2023 को, अहमदिया मुस्लिम जमाअत दिल्ली ने कोन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में ईद मिलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता खुद्दामुल अहमदिया (अहमदिया युवा संगठन) के प्रमुख श्री के॰ तारिक अहमद साहिब ने की। कार्यक्रम का आरंभ राष्ट्रगान से हुआ, जिसके बाद अहमदिया मुस्लिम

quran

क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है (क़िस्त-3)

इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।

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क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है (क़िस्त-2)

इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।

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क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है

इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।

इस्लामी पर्दे से अभिप्राय कैद नहीं

इस्लामी शिक्षा ऐसी पवित्र शिक्षा है जिसने मर्द और औरत को अलग अलग रखकर ठोकर से बचाया है और मानव का जीवन हराम और कड़वा नहीं किया जिससे यूरोप ने आए दिन के गृहयुद्ध और आत्महत्याएं देखीं।

अनुशासन कुछ काम नहीं देता ख़िलाफ़त के बिना

खिलाफ़त इस्लाम की एकता को बनाए रखने का ईश्वरीय माध्यम है। यह एक ईश्वरीय व्यवस्था है जो मुसलमानों की आध्यात्मिकता को दृढ़ता प्रदान करता है।

निकट सम्बन्धियों का सहारा हमारा प्रिय नबी सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम

वह मनुष्य जिसने अपने व्यक्तित्व से, अपने गुणों से और अपने कार्यों से सम्पूर्णता का उदाहरण दिखाया और सम्पूर्ण मानव कहलाया वह मुबारक नबी हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) हैं।

इस्लाम में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के विषय में इस्लाम की प्रस्तुत की हुई शिक्षा अत्यधिक उत्तम और हर बुराई से पवित्र और हर अच्छाई से परिपूर्ण है। और इस्लाम की वर्णित सीमाएँ अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता की खूबी को निखारने वाली और उसकी सुन्दरता को दोबाला करने वाली हैं।

हम और हमारी पहचान

नमाज़ का क़ियाम, नमाज़ की बरवक़्त अदायगी हमारी शनाख़्त है जिसे अल्लाह तआला ने क़ुरआन-ए-करीम में और फिर हज़रत-ए-अक़दस मुहम्मद रसूल अल्लाह स. और ख़ुदा के पाक मसीह ने हमारे लिए मुक़र्रर कर दी है।

अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने अपने राष्ट्रीय मुख्यालय क़ादियान में ईद मिलन का आयोजन किया

22 मई 2023 6 मई 2023 को, अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने अपने राष्ट्रीय मुख्यालय क़ादियान में ईद मिलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जमाअत अहमदिया भारत के मुख्य कार्यकारी निदेशक मौलाना मोहम्मद इनाम गौरी साहिब ने की। कार्यक्रम सामान्य रूप से शाम 6 बजे जमाअत-ए-अहमदिया के धार्मिक संस्थान

अहमदिया मुस्लिम जमाअत ने दिल्ली में ईद मिलन समारोह का आयोजन किया

16 मई 2023 29 अप्रैल 2023 को, अहमदिया मुस्लिम जमाअत दिल्ली ने कोन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में ईद मिलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता खुद्दामुल अहमदिया (अहमदिया युवा संगठन) के प्रमुख श्री के॰ तारिक अहमद साहिब ने की। कार्यक्रम का आरंभ राष्ट्रगान से हुआ, जिसके बाद अहमदिया मुस्लिम

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क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है (क़िस्त-3)

इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।

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क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है (क़िस्त-2)

इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।

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क़ुरआन-ए-मजीद की हिफ़ाज़त करने वाला अल्लाह तआला है

इस धरती पर बसने वाले करोड़ों मुस्लमानों का यह ईमान और विश्वास क़ियामत तक रहेगा कि क़ुरआन-ए-मजीद अल्लाह का कलाम है और नुज़ूल के दिन से ही अल्लाह तआला ने उसको अपने संरक्षण में रखा हुआ है और क़ियामत तक रखेगा। और यह भी एक हक़ीक़त है कि पिछली चौदह सदियों में शैतानी और पिशाचवृत्त ताक़तों ने इस कलाम इलाही में सैंकड़ों स्थान आपति और संदेह पैदा करने की कोशिशें कीं और यह सिलसिला अब तक जारी है। वर्तमान में ही लखनऊ के वसीम रिज़वी नामी एक व्यक्ति ने सुप्रीमकोर्ट आफ़ इंडिया में एक अर्ज़ी दाख़िल की और 26 क़ुरआन-ए-मजीद की आयतों को हज़फ़ करने का मुतालिबा किया।

इस्लामी पर्दे से अभिप्राय कैद नहीं

इस्लामी शिक्षा ऐसी पवित्र शिक्षा है जिसने मर्द और औरत को अलग अलग रखकर ठोकर से बचाया है और मानव का जीवन हराम और कड़वा नहीं किया जिससे यूरोप ने आए दिन के गृहयुद्ध और आत्महत्याएं देखीं।

अनुशासन कुछ काम नहीं देता ख़िलाफ़त के बिना

खिलाफ़त इस्लाम की एकता को बनाए रखने का ईश्वरीय माध्यम है। यह एक ईश्वरीय व्यवस्था है जो मुसलमानों की आध्यात्मिकता को दृढ़ता प्रदान करता है।

निकट सम्बन्धियों का सहारा हमारा प्रिय नबी सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम

वह मनुष्य जिसने अपने व्यक्तित्व से, अपने गुणों से और अपने कार्यों से सम्पूर्णता का उदाहरण दिखाया और सम्पूर्ण मानव कहलाया वह मुबारक नबी हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) हैं।

इस्लाम में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के विषय में इस्लाम की प्रस्तुत की हुई शिक्षा अत्यधिक उत्तम और हर बुराई से पवित्र और हर अच्छाई से परिपूर्ण है। और इस्लाम की वर्णित सीमाएँ अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता की खूबी को निखारने वाली और उसकी सुन्दरता को दोबाला करने वाली हैं।